World’s Largest Stock Exchanges: फ्रांस को पीछे छोड़कर, भारत अब दुनिया के पाँच सबसे बड़े स्टॉक मार्केट्स में से एक है। जनवरी में, फ्रांस की स्टॉक मार्केट ने भारत को 5वें स्थान से नीचे ले आया था, लेकिन मार्च में भारत ने पुनः 5वें स्थान पर पहुंचा। भारत के स्टॉक मार्केट में वृद्धि का अच्छा प्रदर्शन दिखाई दे रहा है, और बाहरी निवेशक भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। भारतीय मैक्रोइकोनॉमी स्थिति में सुधार भी हो रहा है।
आज की तारीख में, भारत की market capitalization 4.1 ट्रिलियन डॉलर है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट्स में पाँचवें स्थान पर है। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक, भारत का स्टॉक मार्केट 330 बिलियन डॉलर से अधिक बढ़ चुका है।
5 Largest Stock Exchanges in the World
अमेरिका के स्टॉक मार्केट की साइज 48 ट्रिलियन डॉलर है, जो भारत की 4.1 ट्रिलियन डॉलर के स्टॉक मार्केट के मुकाबले काफी बड़ी है। इसके बाद, नंबर दो पर चीन है जिसकी स्टॉक मार्केट साइज 9.7 ट्रिलियन डॉलर है। तीन नंबर पर जापान 6 ट्रिलियन डॉलर के साथ है, और चार नंबर पर हॉन्ग कॉन्ग 4.7 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट साइज के साथ है। फ्रांस को पीछे करके भारत का स्टॉक मार्केट 4.1 ट्रिलियन डॉलर के साथ खड़ा है।
Jefferies ने बताया है कि भारत का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और उनका टारगेट है कि BSE Sensex 1,00,000 के पार पहुंचेगा। इससे पूरे भारत में और बाहरी इन्वेस्टर्स को नए निवेश के अवसर मिलेंगे।
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भारत का स्टॉक मार्केट तेज़ी से बढ़ने के टॉप 5 कारण
BJP की हाल ही में हुई राज्य चुनावों में छत्तीसगढ़, राजस्थान, और मध्यप्रदेश में जीत के कारण लोगों में BJP के प्रति आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। बाहरी देशों से आने वाले Foreign Institutional Investors (FII) ने भारतीय मार्केट में पैसा लगाने का रुज़हान दिखाया है। अमेरिका में बॉन्ड यील्ड कम होने से बाहरी देशों की ओर से भारत में निवेश बढ़ा है। साथ ही, स्थिर ब्याज दरें और मजबूत मैक्रो इकोनॉमी के कारण भारत का स्टॉक मार्केट बढ़ रहा है।
- BJP की सरकार: हाली में हुवे स्टेट इलेक्शन में 5 मेंसे 3 स्टेट्स में शामिल BJP की जीत हुई है।
- बाहर देश का पैसा: FII (Foreign Institutional Investors) यानी बाहर देश के इन्वेस्टर बड़े पैमाने पर अपना पैसा भारत के मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे है।
- US Bond Yeild Down: अमेरिका के मार्केट में जो बॉन्ड्स होते है उनका यील्ड (आसान भाषा में बोले तो इंटरेस्ट) काम हो गया है।
- Stable Interest Rates: बाहर का मार्केट हो या भारत का, कुछ टाइम से इंटरेस्ट रेट काफी स्टेबल है।
- Strong Macros: Macros यानी भारत की इकनॉमिक स्थिति काफी सही है।। भारत का GDP जुले से लेकर सितंबर तक 7.6% से बढ़ा है।
भारत के Largest Stock Exchange की महत्वपूर्ण वृद्धि और उसका दुनिया में 5वें स्थान पर पहुंचना एक सकारात्मक संकेत है। चुनावों में BJP की जीत, बाहरी निवेशकों का आत्मविश्वास, और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड कम होने से भारतीय मार्केट में वृद्धि का कारण बन रहा है। जेफरीज के अनुसार, BSE Sensex का 1,00,000 पार करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हो सकता है, जो और भी नए निवेशकों को आकर्षित कर सकता है। BJP की राज्य चुनावों में जीत और स्थिर ब्याज दरों के साथ मजबूत मैक्रो इकोनॉमी ने स्टॉक मार्केट को और बढ़ावा दिया है।
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